समाचारों-सूचनाओं के इस मकड़ जाल में आपको मिल सकते कुंठित अथवा पूर्वाग्रही समाचार । किंतु हम जैसे आम आदमीं को चाहिए अपनी बात कहने का मंच जबलपुर संवाद सेवा उसी का एक नमूना है । ब्लॉग को पत्रकारिता के विकल्प के रूप में कब लाया जावेगा ये तो मैं नहीं जानती किंतु इतना ज़रूर जानती हूँ कि अब हमको अपनी बात आज़ादी से कहने की आज़ादी मिल गयी है। इस ब्लॉग की प्रेरणा मुझे मेरे पति श्री गिरीश बिल्लोरे मुकुल से जो एक नहीं आठ ब्लॉग के स्वामी हैं इन दिनों मिसफिट पर लिख रहे हैं
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें